फिर मेरी सिस्टर का कॉल आता है और बोलती है की हरताल के कारण हिन्दू रॉ हॉस्पिटल बंद है। इसलिए अभी और किसी दूसरी हॉस्पिटल में चेकउप करवा के और कच्चा पट्टी करवा के हमलोग रूम वापस आ जायँगे। इसलिए मेरी सिस्टर हमलोग को हॉस्पिटल आने से माना कर देती है और हमलोग को सुबह बुलाती है।जब हमलोग सुबह जाते हैं। तो मेरी सिस्टर बताती है की जीजाजी का दोनों पैर का ऐड़ी टूट गया है और कच्चा पट्टी करवा के लाये हैं।लेकिन हमलोग को सुबह-सुबह नींद आने लगी और हमलोग सो गए और जीजाजी को दर्द कन्ट्रोल नहीं हुआ तो पट्टी उतर दिए।
पट्टी उतरने के कारण जीजाजी का पैर पूरा सूजन हो गया।फिर हमलोग जीजाजी को डॉक्टर मनोहर हॉस्पिटल ले के गए। और ये स्पेशल हडियों का हॉस्पिटल है।फिर हमलोग जीजाजी को एडमिट किये। फिर डॉक्टर ने बोला की इसको एक्सरे करवा के लाओ। फिर हमलोग एक्सरे करवा के लाते है। और डॉक्टर बोलता है की इसका पैर का सूजन जब तक काम नहीं हो जाता तब तक कच्चा पट्टी हमलोग नहीं लगा सकते हैं।फिर डॉक्टर ने सूजन काम करने के लिए आइस से सेकैय करने के लिए बोल दिए।
फिर हमलोग पेसेंट को बाहर ले कर आते हैं और आइस से सेकैय करते हैं।लेकिन काफी देर सेकैय करने के बाद भी उसका पैर का सूजन काम नहीं होता है।फिर हमलोग डॉक्टर से बोलने जाते है।की अभी तक उसका पैर का सूजन काम नहीं हुआ।फिर डॉक्टर ने सूजन काम होने का मेडिसन लिख कर देता है और हमलोग मेडिकल स्टोर से मेडिसन लेकर आते हैं। फिर हमलोग पेसेंट को मेडिसन देते हैं।और उनके पैर में जहाँ सूजन होता है वहाँ मेडिसन क्रीम लगा देते हैं। ताकि उनका पैर का सूजन जल्दी काम हो जाए। और साथ में आइस से सेकैय भी करते हैं ।फिर पूरा डे सेकैय करने के बाद थोड़ा बहुत उनका पैर का सूजन काम हो जाता है।
फिर हमलोग डॉक्टर को दिखाया। लेकिन डॉक्टर ने पट्टी लगाने से माना कर दिया। और बोला की इनका पैर का सूजन और काम करो। फिर हमलोग पेसेंट को बाहर ला के आइस से सेकैय करने लगे और कोविड नाइनटीन के कारण हमलोग को बेडरूम नहीं मिला था। और बेडरूम कोविड -नाइनटीन पेसेंट को ही मिलता था। और उस हॉस्पिटल में जितने भी कोविड-नाइनटीन के अलावा जितने पेसेंट थे सब बाहर थे। और विन्टर का मौसम था और काफी ज्यादा ठंड था। और हमलोग आपने साथ कुछ नहीं ले के गए थे।और उस दिन २६ जानवरी था और इंडिया गेट में परेड था जिसके कारण हर जगह बेरयल लगा हुआ था।और उस दिन किसान लोगो ने आन्दोलन चला रहे थे। जिसके कारण पुलिस वालो ने सारा रास्ता बन्द कर दिए थे। इसलिए हमलोग रूम बिस्तर लेने नहीं जा सके। और किसान लोगो ने पुलिस को और आर्मी भाई लोगो को मार रहे थे। और उस दिन उस हॉस्पिटल में पुलिस कर्मी और आर्मी भाई लोग सबसे अधिक चेकउप के लिए आ रहे थे।
और साथ में वहाँ के देखने वाले पब्लिक भी हॉस्पिटल में चेकउप के लिए आ रहे थे। उन सभी में से किसी का पैर टूट गया था। तो किसी का हैंड टूट गया थाथा । तो किसी का चोट लगा हुआ था। और पूरा डे उस हॉस्पिटल में आर्मी और पुलिस और पब्लिक चेकउप के लिए आ रहे थे। तब हमलोग ने एक पुलिस भाई से पूछा की आपको चोट कैसे लगा। तब पुलिस भाई ने बताया की किसान लोगो ने बेरयर तोड़ कर सभी पुलिस कर्मी भाई लोग को और आर्मी कर्मी भाई लोग को दौड़ा -दौड़ा कर मार रहे हैं। और लेडिश पुलिस कर्मी लोग को भी किसानों ने मार रहे थे।और बहुत से लोग किसान भाई लोग से बिनती कर रहे थे। लेकिन किसान भाई लोग किसी का बात नहीं सुने। और सब को मार रहे थे।भाग ३ में।
|| धन्यवाद ||
agreed to the bandage. And said that his feet swell and work. Then we started securing the patient out of La Ice and we did not get the bedroom due to covid Nineteen. And the bedroom was available only to covid - Nineteen present. And in that hospital, all the presents, except all the covid-nineteen, were out. And the weather was winter and much colder. And we did not take anything with you. And on that day there was 26 January and there was a parade at India Gate, due to which there was burying everywhere. And on that day the presents were running the moment. Due to which the policemen closed all the way. Therefore, we could not go to the bedroom. And the presents were killing the police and the army brothers. And that day police personnel and army brothers were coming to the hospital for the most checkup. And along with it, the viewing public was also coming to the hospital for a checkup. All of them had broken legs. So someone's hand was broken.
||Thank You So Much||











nice story
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